करूक्षेत्र की रणभूमि में पितामह भीष्म और अभिमन्यु का आमना-सामना होने पर हुआ संवाद पढें फायकू में-
पितामह भीष्म-
1-
किसके सुत हे! धनुर्धारी
क्या नाम कहूँ
तुम्हारे लिए
2-
ह्रदय प्रेम उमडता तात
मैं कैसे शत्रु
तुम्हारे लिए!
3-
हाथ आशीष को उठता
कैसे शूल उठाऊँ
तुम्हारे लिए
4-
भीष्म राह आन अडे
नहीं उचित सुकुमार
तुम्हारे लिए
5-
कैसा कुटिल हुआ विधाता
खडग उठाऊँ वत्स
तुम्हारे लिए
6-
घर लौट जाओ पुत्र
समर योग्य नहीं
तुम्हारे लिए
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अभिमन्यु-
1-
कुरूक्षेत्र मध्य मैं अभिमन्यु
आन खडा पितामह
तुम्हारे लिए
2-
पिता जगतपिता सखा हैं
पौत्र कहलाते हैं
तुम्हारे लिए
3-
चक्रधर सखी की आन
लेकर, सममुख आया
तुम्हारे लिए
4-
हाथ शूल, बाण धनुष
संधान करूँ मैं
तुम्हारे लिए
5-
दो अशीष हे पितामह!
चरण नमन यह
तुम्हारे लिए
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