Tuesday 3 February 2015

-: एक :-

मानव सभ्यता के इतिहास में संभवतः प्रकृति को मानव की ओर से मिलने वाला अंतिम "अंशदान" था "मानव मल"।

परंतु आधुनिक होती मानवता ने उसे भी कंक्रीट के खाँचों में बाँधकर प्रकृति को उससे भी वंचित कर दिया है।

आगे अब मानव प्रकृति का सिर्फ और सिर्फ दोहन करेगा।


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